लेखनी प्रतियोगिता -14-Aug-2023 एकाकी जीवन
एकाकी जीवन
"शेखर तुम ? तुमने अपना यह क्या हाल बना लिया है? तुम बहुत कमजोर लग रहे हो ? " , प्रिया ने शेखर से पूछा।
प्रिया ने जब शेखर को माॅल में देखा तब वह उसे बहुत देर में पहचान सकी क्यौकि वह बहुत कमजोर होगया था। शेखर प्रिया से मिलना भी नहीं चाहता था। वह प्रिया से छिपकर जारहा था। प्रिया ने ही उसको आवाज देकर रोका था।
"नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। मैं बिल्कुल ठीक हूँ ? तुम कैसी हो प्रिया ? ", शेखर ने पूछा।
""चलो आज एक एक काफी पीते है। वह बैठकर कुछ बातें करते हैं।" प्रिया बोली।
प्रिया खुले विचारौ की लड़की थी वह जो बोलती साफ बोलती थी।
शेखर प्रिया को मना नहीं कर सका । वह प्रिया के पीछे पीछे काफी हाऊस पहुँच गया। प्रिया ने वेटर को दो कोल्ड काफी का आर्डर कर दिया। शेखर को आश्चर्य हुआ कि प्रिया को आज भी उसकी पसन्द मालूम है। क्यौकि वह प्रिया के साथ कोल्ड काफी ही पीता था।
शेखर शादी की अथवा अभी भी एकाकी जीवन ही गुजार रहे हो। शादी की बात करते ही शेखर को ऐसा महसूस हुआ कि जैसे किसीने उसके शरीर पर 11000 वोल्ट का करन्ट छोड़ दिया हो।
शेखर को वह दिन आज भी याद था जब प्रिया से पहली वार मिला था। शेखर के घर से कुछ दूरी पर गौतम अंकल रहते थे। प्रिया गौतम अंकल के साले की बेटी थी। वह अपनी बुआ के पास पढ़ने आई थी। प्रिया व शेखर एक ही कालेज में पढ़ते थे।
एक दिन जब प्रिया अपनी छतणपर कपडे़ सुखाने आई उसी समय शेखर भी किसी काम से छत पर आया। वह प्रिया को देखकर उसे देखता ही रह गया। उसी समय शेखर की भाभी छत पर आई।
जब उसने शेखर का हाल देखा तब वह बौली ," देवरजी जिसे देख रहे हो वह चिड़िया अब फुर्र होचकी है। जरा होश में आओ।"
शेखर उस दिन तो शरमाकर भाग गया ।अब वह हर रोज छत पर जाकर उसकी बाट देखता। और शेखर उससे एक तरफा प्यार करने लगा। प्रिया व शेखर एक ही कालेज में पढ़ते थे परन्तु आपस में कभी नहीं मिले थै।
शेखर प्रिया से पहली वार तब मिला जब उनके कालेज में वार्षिक उत्सव धा । उसमें एक नाटक में प्रिया व शेखर ने भाग लिया था। उसके बाद वह हर रोज मिलने लगे थै। वह दोंनौ बहुत वार एक साथ बैठकर काफी भी पीते थे। प्रिया भी शेखर को चाहने लगी थी लेकिन प्रिया के पापा ने उसका रिश्ता सुदीप नाम के लड़के के साथ तय कर दिया था।
एक दिन शेखर ने प्रिया की किताब में एक कागज पर I Love You Priya लिखकर रख दिया।
जब प्रिया ने वह पढा़ तब वह शेखर से काफी हाऊस मैं मिली और शेखर से बौली," शेखर प्यार करना मेरे नसीब में नहीं है क्यौकि मेरी मंगनी हो चुकी है । मै अपने पापी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा सकती हूँ। I am sorry Shekhar ?"
, प्रिया परीक्षा देकर अपने घर वापिस चली गयी। शेखर के पास केवल चन्द यादें छोड़ गयी। शेखर ने अपने घर-परिवार वालौ के दबाब में सरिता से शादी तो करली लेकिन वह सरिता को खुश नहीं रख सका था क्यौकि वह तो प्रिया को अपना दिल दे चुका था।
एक दिन शेखर की पत्नी ने उसके पर्स में प्रिया के साथ उसका फोटो देखकर उस लड़की के बिषय में जानना चाहा इसी बात पर दोंनौ में बहस छिड़ गयी । शेखर ने क्रोध में सरिता के थप्पड मार दिया । सरिता इससे नाराज होकर मायके चली गयी। अपने अहम के कारण शेखर सरीता को लेने नहीं गया। कुछ समय बाद शेखर के पास तलाक का नोटिस आया।
शेखर भी यही चाहता था इसलिए उन दोंनौ का तलाक होगया। तबसे शेखर एकाकी जीवन जारहा है।
:शेखर ! मेरी बात का जबाब नहीं दिया ? तुम कहाँ खोगये?" प्रिया ने पूछा।
इसके बाद शेखर ने शादी से लेकर तलाक तक की कहानी प्रिया को सुनादी। उसकी दशा पर प्रिया को भी बहुत दुःख हुआ लेकिन वह बिवश थी। वह कुछ भी नहीं कर सकती थी। लेकिन प्रिया ने फिर भी शेखर से सरिता का मोबाइल नम्बर लेकर पहले बात की और उससे मिलने गयी।
प्रिया ने सरिता को पूरी बात बहुत ही प्यार से समझाई और सरिता को फिरसे शेखर के जीवन में लाकर उसके एकाकी जीवन को बदल दिया। अब सरिताभी खुश थी और शेखर भी खुश था। इसतरह प्रिया के प्रयास से दो अलग हुए पति पत्नी पुनः एक होगये।।
आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी"
RISHITA
27-Aug-2023 08:30 AM
very nice
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madhura
17-Aug-2023 03:42 PM
nice
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Abhinav ji
15-Aug-2023 08:36 AM
Very nice 👍
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